लोक तंत्र रक्षक सेनानी ने मरणोपरांत अपने शरीर को मेडिकल कालेज को दिया दान
उपेन्द्र कुमार पांडेय
आजमगढ़। बृहस्पतिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज एंड सुपर फैसिलिटी हॉस्पिटल चक्रपानपुर में लोकतंत्र रक्षक सेनानी कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी देह का दान मेडिकल कॉलेज को देने की संपूर्ण औचारिकताएं पूरा किया।हरिमंदिर पाण्डेय पुत्र कुबेर पाण्डेय ग्राम परसहा थाना व तहसील निजामाबाद के निवासी हैं।पाण्डेय के दो पुत्रों में बड़े पुत्र जितेंद्र हरि पाण्डेय और दूसरे पुत्र धीरेन्द्र हरि पाण्डेय ने अस्पताल के नियमों के तहत अपनी सहमित का शपथ पत्र दिया।
इस अवसर पर 80 वर्षीय शिक्षक नेता एवं वरिष्ट कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय ने बताया कि मृत्यु के बाद शरीर को जला दिया जाता है।हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण में भरोसा रखते हैं।इसलिए ये निर्णय लिया कि हम आजमगढ़ राजकीय मेडिकल कॉलेज को विद्यार्थियों के ज्ञान विज्ञान के लिए अपनी मृत देह को सौंप देंगे।आज उसकी संपूर्ण कार्यवाही पूरी कर हम बहुत संतुष्ट हैं।हमारी मृत देह का उपयोग समाज और जनहित में होगा।एक सवाल के जवाब में पाण्डेय ने कहा कि हमने जीवन में कुछ भी अर्जित नहीं किया।इसलिए इस उम्र में सोचा कि हमारा मृत शरीर चिकित्सा विज्ञान के लिए उपयोगी हो और यह कार्य किया।
इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं डीन प्रो,डॉक्टर वीरेंद्र कुमार राव ने कहा कि देहदान एक बड़ा पुनीत कार्य है।लोगों को इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। एनाटमी विभागाध्यक्ष प्रो,डॉक्टर मनीषा उपाध्याय ने बताया कि पाण्डेय जी खुद अस्पताल चलकर इस उम्र में आए और देहदान की पेशकश की जो हमारे लिए गौरव की बात है।प्रो,मनीषा उपाध्याय ने बताया कि अब तक पांच लोग इस मेडिकल कॉलेज को अपना देहदान कर चुके हैं और पाण्डेय जी आज देहदान करने वाले छठवें व्यक्ति हैं।इस बीच प्राचार्य के कक्ष में कई चिकित्सक,मेडिकल छात्र के साथ ही हरिमंदिर पाण्डेय के बड़े पुत्र अधिवक्ता जितेंद्र हरि पाण्डेय,हरिगेन राम,राज तिवारी,हरिकेश गौंड,प्रो कुमुद रंजन आदि लोग मौजूद रहें।