काशी में हर्षा रिछारिया का बयान –

काशी में हर्षा रिछारिया का बयान – "रावण ने शीश चढ़ाकर पूजा की, फिर भी लंका नहीं बची"

वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान हर्षा रिछारिया ने शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा पर सवाल उठाते हुए एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि रावण ने स्वयं अपना शीश अर्पित कर भगवान शिव की आराधना की, फिर भी वह अपनी लंका नहीं बचा सका। ऐसे में आज लोग दूध चढ़ाकर किस भ्रम में हैं?

 


क्या कहा हर्षा रिछारिया ने?

काशी में आयोजित एक धार्मिक संवाद कार्यक्रम में भाग लेते हुए हर्षा रिछारिया ने आस्थाओं और धार्मिक परंपराओं पर चर्चा की। उन्होंने शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की प्रथा को लेकर कहा कि –

"रावण ने अपना शीश चढ़ाकर पूजा की थी, लेकिन फिर भी उसकी लंका नष्ट हो गई। तो सिर्फ दूध चढ़ाने से क्या बदल जाएगा? भगवान को हमारी सच्ची श्रद्धा चाहिए, न कि दिखावा।"

इस बयान के बाद धार्मिक समुदायों में विचार-विमर्श तेज हो गया है।

 


धार्मिक परंपराओं पर सवाल या नई सोच?

हर्षा रिछारिया का यह बयान उन लोगों को झकझोरने वाला है जो मंदिरों में दूध, जल और अन्य सामग्री चढ़ाकर आस्था व्यक्त करते हैं। हालांकि, उनका यह भी कहना था कि पूजा श्रद्धा और भावनाओं से की जानी चाहिए, केवल रस्मों के लिए नहीं।

उन्होंने कहा कि –
"अगर हम भगवान शिव को खुश करना चाहते हैं, तो जरूरतमंदों को भोजन कराएं, किसी की मदद करें। भगवान को जल, दूध या पैसे की जरूरत नहीं है, बल्कि सच्चे मन से की गई भक्ति अधिक महत्वपूर्ण है।"

 


काशी में श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

वाराणसी, जिसे शिव की नगरी कहा जाता है, वहां इस तरह की बातों पर स्वाभाविक रूप से बहस छिड़ गई। कुछ लोग इसे धार्मिक परंपराओं पर चोट मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे समाज में बदलाव की पहल मानते हैं।

स्थानीय संतों का कहना है कि धर्म व्यक्तिगत आस्था की बात है और इसे किसी के तर्क या विचार से परिभाषित नहीं किया जा सकता।

 


क्या धार्मिक परंपराएं बदलेंगी?

भारत में सदियों से मंदिरों में जल, दूध और प्रसाद चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। हालांकि, नए विचार और तर्कवादी सोच इस विषय पर लगातार चर्चा को जन्म दे रही है।

 


निष्कर्ष

हर्षा रिछारिया का यह बयान न केवल धार्मिक परंपराओं पर सवाल खड़ा करता है बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर करता है कि असली भक्ति क्या है? उनकी बातों से कुछ लोग असहमत हो सकते हैं, लेकिन इससे धार्मिक परंपराओं पर नए सिरे से चर्चा जरूर शुरू हुई है।

 

Admin
Share: | | | 0
Comments
Leave a comment
I06H

Our Comments

Advertisement

क्या है तहकीकात डिजिटल मीडिया

तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।

Videos

© Tehkikaat News 2017. All Rights Reserved. Tehkikaat Digital Media Pvt. Ltd. Designed By: Dizital Dreams